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KAHANI – “शोर्ट कट”
लेखक – लालजी वर्मा
पसीने से लतपत आकाश अपनी मोटर साइकिल को धक्का मरते हुए पैदल लेकर घर आता है. घर के बाहर मोहल्ले में मोटर साइकिल स्टैंड पर खाड़ी कर घर के बीतर जाता है. भीतर आते ही जोर जोर से आवाज़ लगाता है.
आकाश - (गुस्से में) काजल! काजल!
साडी में काजल अपने फेस पर फेसिअल लगाये कमरे से बाहर आती है. उसे
देखते ही आकाश चीखने लगता है.
आकाश - भूत! भूत!
काजल टॉवेल से अपने चेहरे पर लगा फेसिअल साफ़ करती है.
काजल – चिल्ला क्यों रहे हो?
आकाश - अरे तुम काजल! मैंने सोचा कोई भूत आ गया है.
काजल – अच्छा मैं भूत लग रही हूँ? बेडरूम में मेनका लगती हूँ और अभी भूत बोल रहे हो?
आकाश - (चीखते हुए) काजल! काजल! काजल!
काजल – आकाश! आकाश! आकाश! चीख क्यों रहे हो?
आकाश - तुम्हारे बाप ने ये कैसी मोटर साइकिल दे दी. ये पेट्रोल नहीं मेरा खून चूसती है.
काजल – और दहेज़ मांगो. सरकार ने बहोत सही किया है. पेट्रोल और डिजेल के दाम बड़ा कर. वर्ना तुम जैसे दहेज़ लोभी. दहेज़ के नाम पर मोटर साइकिल और कार मांगते फिरते हो. हमारे घर वालो से झूठ बोलकर तुम लोगो ने ही तो दहेज़ में माँगा था. अब भूक्तो.
आकाश - झूठ! क्या झूठ बोला है? हाँ बताओ.
काजल – अरे! अरे! बड़े भोले बन रहे हो. तुम्हारे घर वालो ने मेरे बाबू जी से ये झूठ नहीं बोला की लड़का डॉक्टर है. और बेचारे मेरे बाबूजी पुरे नात रिश्तेदारी में ये खबर फैला दी की लड़का बहुत बड़ा डॉक्टर है.
आकाश - हाँ तो डॉक्टर हूँ न. इसमें झूठ क्या है?
काजल – कहे का डॉक्टर? जानवरों का. कुत्ते बिल्लियों का इलाज करते हो.
आकाश - तो क्या हुआ, इंसान और जानवारो में फर्क ही क्या है.
काजल – हाँ हाँ इंसान और जानवरों में सिर्फ पैरो का ही फर्क है, इंसानों के दो पैर होते हैं और जानवरों के चार. तुम्हारी ये बाते मैं हज़ार बार सुन चुकी हूँ. मेरा तो नसीब ही फूटा है. चलो सब छोडो! ये बताओ मेरे भाई पप्पू को कहाँ छोड़ आये?
आकाश – हाँ ओ मार्केट से सब्जी लेकर आ रहा है.
तभी मोहल्ले से लोग की भीड़ डॉक्टर डब्बू भैया की जय जय कार कर रहे
होते हैं. काजल और आकाश ये शोर सुनते हैं.
काजल - रुको रुको! बाहर ये शोर कैसा?
आकाश – अरे होगा कोई मोहल्ले का छोट भैया नेता.
काजल – नहीं नहीं ये लोग, किसी नेता की जय जय कार नहीं बल्कि किसी डॉक्टर की जय जय कार कर रहे हैं.
उसी वक़्त डोर पर बेल बजती है. और आकाश जाकर डोर खोलता है. डोर पर
डब्बू गले में फूल और मालाओं की हार पहने और हाथ में मिठाई का डब्बा लिए खडा होता
है. आकाश डब्बू की वेशभूषा देख अचाम्भित हो जाता है और अस्चर्य से उसका मुँह खुला
का खुला रहता है. तभी फ़ौरन डब्बू मिठाई के डिब्बे से दो चार लड्डू निकाल आकाश के मुँह
में ठूस देता है. और दौड़ता हुआ काजल के पास आता है.
काजल – माय गॉड डब्बू तुम?
डब्बू – हाँ भाभी जी मैं! भाभी आप भी मिठाइ खाइये मुझे पुरे मोहल्ले में बेस्ट डॉक्टर का खिताब मिला है. और इतना ही नहीं मैंने इस इलाके के सबसे पॉश एरिया में नया घर ख़रीदा है और साथ ही एक नयी चार भी ली है.
काजल – अरे वाह डब्बू! आपने तो कमाल कर दिया. आपको इस मोहल्ले में आये सिर्फ छे महीने हुए और आपने नया घर और नयी कार भी ले ली. आपकी वाइफ बहुत लकी है जो आप जैसा डॉक्टर उसे मिला और हमारे घर में भी एक डॉक्टर हैं जो जानवरों का इलाज करते हैं. इन्होने आज तक अपने दम पर एक स्कूटी तक नहीं ले पाये.
डब्बू – भाभी जी हमने बहुत दिल लगाकर डॉक्टर की पढ़ाई की है. हमारे क्लिनिक में हर पेसंट का इजाल दिल से होता है.
आकाश – तभी तुम जैसे डॉक्टर उन पेसंट का दिल और दिवाला दोनों निकाल देते हो.
डब्बू – भाभी जी आप ये सब छोडिये और मिठाई खाइए.
डब्बू की नजर काजल के हाथो पर जाती है, काजल अपने दोनों हाथो में
मेहंदी लगाये होती है.
डब्बू – अरे भाभी जी आपके हाथो में मेहंदी लगी है. खैर
मैं आपको अपने हाथो से मिठाई खिला देता हूँ.
डब्बू काजल को जैसे ही मिठाई खिलाने जाता है. आकाश उसके हाथ से मिठाई
छीन कर काजल के मुँह में डाल देता है.
आकाश – मेरी बीवी है. तू कैसे इसे खिला सकता है? अच्छा डब्बू तूने डॉक्टरी की डिग्री किस यूनिवर्सिटी से ली?
डब्बू – आप मेरी इन्सल्ट कर रहे हैं?
आकाश – नहीं तो! चल बता भाभी जी कहाँ हैं?
करिश्मा मिनी स्कर्ट पहने आकाश के घर में डोर पर आती है. आकाश एक पल
के लिए बिना पलक झपकाए करिश्मा की ओर देखता रह जाता है.
आकाश – अरे! भाभी आइये न. आप कितनी लकी हैं. मैं अभी सिर्फ आप के बारे में ही पूँछ रहा था.
करिश्मा – अरे भाभी आपकी साडी बहोत अच्छी है. और आपके गले का नेकलेस भी बहुत अच्छा लग रहा है.
काजल – थैंक्स, पर आजकल अपने मोहल्ले में चोरियाँ भी बहुत हो रही हैं. इसलिए कीमती गहने पहनने से डर लगता है. और मैंने तो अपना सारा गहना इनके क्लिनिक में छिपाकर रख दिया है. वहां किसी को शक भी नहीं होगा.
आकाश – हाँ शोर मचा-मचा कर बता दे सभी को.
काजल – खैर तुम भी मिनी स्कर्ट में बहुत बोल्ड लग रही हो.
आकाश एक टक नजरो से करिश्मा के ओर देख रहा होता है.
आकाश – करिश्मा भाभी पर यह स्कर्ट कितना जंच रहा है. और एक तुम हो जिस पर कोई कपड़ा जचता ही नहीं है.
करिश्मा – तारीफ़ करने के लिए, थैंक यू मिस्टर आकाश जी.
करिश्मा आकाश को धीरे से आँख मरती है. यह देख आकाश एकदम से हडबडा जाता
है. और जोर जोर से खासने लगता है.
काजल – अरे अचानक तुम्हे क्या हो गया?
डब्बू पुरे घर में अपनी नजरे घुमाकर देख रहा होता है. उसी वक़्त हाथ में सब्जी का थैला ले बाहर से पप्पू आता है.
पप्पू – (चिल्लाते हुए) दीदी!
काजल – अरे तू मार्केट से आ गया? रुक मैं तेरे लिए किचेन से पानी लेकर आती हूँ.
काजल किचेन में चली जाती है.
डब्बू – मिस्टर आकाश जी अब हमें भी चलना चाहिए? अभी हमें
पुरे मोहल्ले की सैर करनी है.
आकाश – ओके.
डब्बू और करिश्मा दोनों घर से बाहर चले जाते हैं.
पप्पू – जीजा जी ये वही अपने पड़ोस का झोला छाप डॉक्टर है न?
आकाश – हाँ यार ये वही है. पर अब ये झोला छाप कहाँ रहा? इसने तो बहुत ही कम समय में घर और गाडी दोनों ले ली.
पप्पू – नहीं जीजा जी डाल में जरूर कुछ काला है. ईमानदारी से कोई इतना जल्दी ये सब हासिल नहीं कर सकता.
आकाश – यही तो मैं भी सोच रहा हूँ.
तभी किचेन से काजल पानी का ग्लास लाकर पप्पू को देती है.
काजल – अरे डब्बू और करिश्मा कहाँ गए?
आकाश – ओ चले गए. और अब जाओ हामारे लिए किचेन से टिफिन बना दो. हमें भी क्लिनिक जाना है. मैं नहाकर आता हूँ.
काजल अपना मुँह बनाते हुए किचेन में चली जाती है और आकाश भी बाथरूम की
चला जाता है.
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पप्पू क्लिनिक के बाहर बेंच पर बैठे-बैठे नींद ले रहा होता है. पप्पू
के करीब रखे रेडिओ पर रेडियो मिर्ची चल रहा होता है.
रेडिओ मिर्ची- नमस्कार दोस्तों! एक विशेष सूचना- आप सभी से निवेदन है आप सभी रात के वक़्त विशेष रूप से सावधान रहे. आज कल दो चोर अपना भेष बदल कर लोगो के घर या दूकान पर जाते हैं और उन्हें किसी तरफ बातो में उलझाकर लोगो को बेहोश कर देते हैं. और उनका सब कुछ लूटकर चले जाते हैं. इस तरह की किसी भी घटना पर पुलिस से संपर्क करे...
नींद में सो रहे पप्पू का हाथ रेडियो पर लगते ही, रेडियो बंद हो जाता है. गहरी नींद में सो रहा पप्पू हर बार झपकी लेते हुए उसका सर नीचे के ओर झुक जाता और ओ दोबारा अपने आप को सम्भाल लेता. गहरी नींद में मुँह खुला हुआ है और मख्खियाँ आ जा रही होती हैं. वहीँ क्लिनिक के भीतर डॉक्टर आकाश भी बेफिक्र अपने चेयर पर झपकी ले रहे हैं. इनका भी हाल पप्पू की ही तरह है. क्लिनिक में लगी घडी में शाम के सात बज रहे होते हैं. उसी वक़्त एक दंपत्ति क्लिनिक के डोर पर जोर का बेल बजाता है. बेल की आवाज़ सुन पप्पू झनझना कर जग जाता है. सामने एक दाड़ी वाला आदमी और घूंघट में एक औरत के साथ खड़ा होता है.
पप्पू – (उबासी लेते हुए) तुम कौन हो भाई?
इनकम टैक्स - इनकम टैक्स!
पप्पू तुरंत पूरी तरह से होश में आ जाता है.
पप्पू – इनकम टैक्स?
पप्पू इनकम टैक्स के पैर पकड़ रोने लगता है.
पप्पू – (रोते हुए) साहेब! सुबह से इस क्लिनिक में एक कुत्ता तक नहीं आया. पिछले छे महीने से इस क्लिनिक का भाडा उधार ले के डॉक्टर साहेब भर रहे हैं.
इनकम टैक्स - मगर मेरा पैर...?
पप्पू – नहीं साहेब अपना पैर छोड़ने के लिए नहीं कहे. दो महीने से मुझे पगार तक नहीं मिली. अब इनकम टैक्स डॉक्टर साहेब कहाँ से भरेंगे. नहीं साहेब नहीं!
बाहर शोर सुन डॉक्टर आकाश केबिन से बाहर आता है.
आकाश - पप्पू क्या हुआ?
पप्पू – जीजा जी ये इनकम टैक्स से आये हैं.
आकाश - क्या?
डॉक्टर आकाश भी इनकम टैक्स का दूसरा पैर पकड़ पप्पू की तरह रोने लगता
है.
इनकम टैक्स - अरे आप दोनों मेरा पैर पकड़ कर रो क्यों रहे हो?
आकाश - एक हफ्ते से हमारे क्लिनिक में एक मख्खी तक नहीं आई, अब इनकम टैक्स कहाँ से देंगे?
इनकम टैक्स - ओह अब समझा, देखो मेरा नाम इनकम टैक्स है. मैं कोई इनकम टैक्स ऑफिस से नहीं आया हूँ. मैं यहाँ पर अपना बीवी का इलाज़ कराने आया हूँ.
आकाश - क्या तुम इनकम टैक्स से नहीं आये हो?
इनकम टैक्स - नहीं.
दोनों इनकम टैक्स का पैर छोड़ खड़े हो जाते हैं.
पप्पू – तू पहले नहीं बता सकता था.
आकाश - हमें पोपट बना दिया.
पप्पू इतना कहते हुए इनकम टैक्स के सर पर टफली मरता है. आकाश भी उसके
सर पर पप्पू के तरह ही टफली मरता है.
इनकम टैक्स - लेकिन आप लोग मुझे मार क्यों रहे हो? हम तो यहाँ इलाज़ कराने आये हैं.
दोनों अपना हाथ रोक लेते हैं. पप्पू धीरे से आकाश के कान में कहता है.
पप्पू – (कान में फुसफुसाते हुए) डॉक्टर साहेब आज सुबह से एक पेसंट नहीं आया. अब एक ये आया है, इसे भगाओ मत.
आकाश - (कान में फुसफुसाते हुए) लेकिन मैं तो जनवारो का डॉक्टर हूँ. अब इंसान का इलाज़ कैसे करूँगा?
पप्पू – (कान में फुसफुसाते हुए) जानवर और इंसान में ज्यादा अंतर नहीं है. सिर्फ पैर का ही तो अंतर है. जानवर को होते हैं चार और इंसान दो.
इनकम टैक्स उन दोनों को काना फूसी करते देख कुछ समझ नहीं पाता है. और
वहां से वापस जाने लगता है.
आकाश - अरे अरे... आप जा कहाँ रहे हैं. तुम्हारा इलाज़ जरूर होगा.
पप्पू – हमारे डॉक्टर साहेब ने डिग्री यू.यस.ए से ली है.
इनकम टैक्स - हमें चलेगा हमें तो सिर्फ इनकी प्रेगनेंसी चेक करानी है.
आकाश - एक कुवारी लड़की को तुमने प्रेग्नेंट कर दिया. तुझे शर्म नहीं आई.
डॉक्टर और पप्पू दोनों दोबारा इनकम टैक्स को सर पे मारने लगते हैं.
इनकम टैक्स - अरे अरे! आप लोग मुझे मार क्यों रहे हो? ये मेरी पत्नी है.
पप्पू – क्या? ये तुम्हारी पत्नी है. यकीन नहीं.
इनकम टैक्स - अब हमें आप के यहाँ इलाज नहीं कराना है. हम जा रहे हैं.
आकाश - नहीं नहीं मत जाओ. सॉरी!
पप्पू बड़े गौर से उस महिला का चेहरा देखने की कोशिश करता है, पर घूंघट
से कुछ नजर नहीं आता है. फिर उस महिला से उसका नाम पूंछता है.
पप्पू – आपका नाम क्या है?
कम्मो – कम्मो.
पप्पू उसके गोरे बदन को निहारते हुए, उससे कहता है.
पप्पू – आप बड़ी सुन्दर हैं.
आकाश पप्पू को बीच में रोकते हुए, उससे कहता है.
आकाश - (चिल्लाते हुए) पप्पू! कण्ट्रोल योर इमोसन. मैं अन्दर जा रहा हूँ, जब बेल मरूँगा तो इसे अन्दर भेजना.
पप्पू – (सलामी मरते हुए) ओके सर!
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आकाश भीतर से बेल बजाते हैं. और पप्पू इनकम टैक्स और कम्मो को भीतर
भेजता है.
आकाश - बैठिये.
दोनों डॉक्टर के सामने वाली कुर्सी पर बैठ जाते हैं.
आकाश - आप अपना घूंघट खोल दीजिये. अब डॉक्टर से क्या शर्माना.
इनकम टैक्स – नहीं डॉक्टर साहेब! ये अपना घूंघट नहीं खोल सकती.
इन्होने कसम खाई है की ये मेरे सिया किसी भी पराये मर्द को अपना मुखड़ा नहीं
दिखाएंगी.
आकाश - लेकिन बिमारी क्या है?
इनकम टैक्स - ये जब खा लेती है तो इसे भूख नहीं लगती. जब ये सो
जाती है तो इसे कुछ दिखाई नहीं देता. और बिना लेटे सोती भी नहीं है.
आकाश - क्या?
इनकम टैक्स - हाँ और एक बात डॉक्टर साहेब... इसे जलेबी मीठी भी लगती है.
आकाश - अरे भाई ये बिमारी मेरी समझ से परे है, फिर भी मैं तुम्हारा इलाज़
करूंगा. प्लीज आप बाहर इंतज़ार करे मुझे इनसे पर्सनली कुछ बात करनी है.
इनकम टैक्स – नहीं डॉक्टर साहेब हम बाहर नहीं जा सकते. हमें पराये मर्द पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है.
आकाश – ठीक है, हम यहीं पर तुम्हारा इलाज़ करेंगे.
आकाश अपनी सीट से उठकर कमरे के एक कोने बने टेबल पर सीरिंग तैयार कर
रहा होता है. उसके पीछे इनकम टैक्स और कम्मो रुमाल में क्लोरिफोम बेहोसी की दवा
डालते हैं. सीरिंग तैयार कर रहे आकाश को पीछे से जाकर मुँह पर रुमाल इनकम टैक्स
लगाने की कोशिश जैसे करता है. आकाश झट से हाथ में लिया सीरिंग उसे लगा देता है. और
वह वही पर बेहोश हो जाता है. दूसरी ओर बाहर से पप्पू आकर कम्मो का हाथ पकड़ लेता है
और उसके घूंघट को उठा देता है. उनके सामने करिश्मा होती है.
आकाश – करिश्मा तुम?
फ़र्स पर बेहोस पड़े इनकम टैक्स के चेहरे से आकाश दाड़ी निकाल देता है.
और वह डब्बू होता है. फिर करिश्मा का हाथ मोड़ते हुए पप्पू करिश्मा से सवाल करता
है.
पप्पू – अच्छा अब बताओ तुम लोग यहाँ पर क्यों आये थे?
करिश्मा – हम यहाँ पर चोरी करने आये? लेकिन हम पकडे गए. हमें माफ़ कर दो. प्लीज.
आकाश – अच्छा तो तुम लोग यह शोर्ट कट रास्ता अपना कर जल्द से जल्द अमीर बन गए. लेकिन तुम लोग यहाँ पर चोरी करने क्यों आये?
करिश्मा – उस दिन हमने तुम्हे यह बात करते सुन लिया था की क्लिनिक पर काजल भाभी के सारे गहने हैं. हम उसी को चुराने आये थे.
आकाश – पप्पू पुलिस को फोन करो, इन्हें ले जाए.
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पुलिस डब्बू और करिश्मा को गिरफ्तार कर के ले जाती है. और क्लिनिक के
बाहर से डॉक्टर आकाश के नाम का जय जय कर होता है. एक साथ सभी कहते हैं “ बुरे काम का, बुरा
नतीजा”...
समाप्त-
sir koi jungal ki movie ki screept banao jisme acttion bhi ho or us movie se me aap ko bhi pement pay kar saku
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